छोटी-छोटी खुशियों की खातिर हमारे वो फिर से कोशिशों में जुट जाते हैं। छोटी-छोटी खुशियों की खातिर हमारे वो फिर से कोशिशों में जुट जाते हैं।
एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया। एक रुपए और चंद अक्षरों ने 'नौ' महीने के कष्ट को बराबर कर दिया।
बेटा -बेटी का फर्क भी हमको ही मिटाना है बेटा -बेटी का फर्क भी हमको ही मिटाना है
जब जब तू मेरी आँखों में देखता रहता है तब तब वो पल मेरे लिए प्रपोज़ डे होता है, जब जब त जब जब तू मेरी आँखों में देखता रहता है तब तब वो पल मेरे लिए प्रपोज़ डे होता है, ...
आज था "रोज डे" और वो मेरी ओर, एक असली गुलाब बढ़ा रहा था। आज था "रोज डे" और वो मेरी ओर, एक असली गुलाब बढ़ा रहा था।
हां एक मैं ही रहूं तुम्हारे पास सदा बनकर तुम्हारे टेडी बियर सा ! हां एक मैं ही रहूं तुम्हारे पास सदा बनकर तुम्हारे टेडी बियर सा !